डॉ. सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ कà¥à¤²à¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ जी ने बी. à¤à¤¸. सी., बी. à¤à¤¡., à¤à¤®. à¤à¤¸. सी., पी.à¤à¤š.डी. आगरा विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से किया है। à¤à¤• रिसरà¥à¤š पेपर इंटरनेशनल जनरल टेनà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ à¤à¤£à¥à¤¡ सरफेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¤¾ है। पहले शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ थी अब à¤à¤• कà¥à¤¶à¤² गृहिणी हैं। बचपन से ही लिखने का शौक़ था। पिछले ३० साल से लिखती आ रही हैं। छंद मà¥à¤•à¥à¤¤ कविता, मà¥à¤•à¥à¤¤à¤•, गीत, गजल लिखना बहà¥à¤¤ पसंद है।और कà¥à¤› हाइकà¥, वरà¥à¤£ पिरामिड और माहिया à¤à¥€ लिख चà¥à¤•à¥€ हैं।
इनकी रचनाà¤à¤ बहà¥à¤¤ से समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होती रहती हैं। और कà¥à¤› रचनाà¤à¤ मासिक ई-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ (आदà¥à¤µà¤¿à¤•à¤¾), तà¥à¤°à¥ˆà¤®à¤¾à¤¸à¤¿à¤• ई-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ (आरंठऔर शबà¥à¤¦à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°) और पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं(अà¤à¥à¤¯à¥à¤¦à¤¯ और चितà¥à¤°à¤¾à¤) में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ है।अब तक पाà¤à¤š सांà¤à¤¾ संकलन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं।
फेसबà¥à¤• इंसà¥à¤Ÿà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® और योरकोट पर नियमित रूप से अपनी रचनाà¤à¤ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ करती हैं।
सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ और कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ में आनलाइन या जमीनी दोनों ही रूप से सहà¤à¤¾à¤—िता और संचालन का बहà¥à¤¤ शौक़ रखती हैं।
बहà¥à¤¤ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया है जैसे
शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ समीकà¥à¤·à¤• समà¥à¤®à¤¾à¤¨, शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ रचनाकार समà¥à¤®à¤¾à¤¨, शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ शबà¥à¤¦ शिलà¥à¤ªà¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨, शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ शबà¥à¤¦ विवेचक समà¥à¤®à¤¾à¤¨, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¥‚षण समà¥à¤®à¤¾à¤¨, कावà¥à¤¯ गौरव समà¥à¤®à¤¾à¤¨, हिमांशॠगà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ हंस सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ समà¥à¤®à¤¾à¤¨, कावà¥à¤¯ सारथी समà¥à¤®à¤¾à¤¨, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° गौरव समà¥à¤®à¤¾à¤¨, नारी गौरव समà¥à¤®à¤¾à¤¨, कावà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤£à¥‡à¤¤à¤¾ समà¥à¤®à¤¾à¤¨,
समाजसेवा के लिठà¤à¤• गैर सरकारी संगठन अनादि से à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हà¥à¤ˆ हैं और साहितà¥à¤¯ से जà¥à¤¡à¤¼ कर à¤à¥€ समाज सेवा करना चाहती हैं।