शिकà¥à¤·à¤¾ और संसà¥à¤•à¤¾à¤° ही समाज और पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ सà¥à¤‚दर और बेहतर बना सकते हैं।
शà¥à¤¯à¤¾à¤® नंदन पांडेय "शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤œà¥€" है। जनà¥à¤® 8 नवंबर 1988। मरौचा गांव, मनकापà¥à¤° (अदम गोंडवी और यà¥à¤µà¤¾ कवि, विचारक व मीडिया कà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤‚जल धर की जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤²à¥€ जिला-गोणà¥à¤¡à¤¾), उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ से हैं।
शिकà¥à¤·à¤¾ - 2012 में à¤à¤®.बी.ठ-हà¥à¤¯à¥‚मन रिसॉरà¥à¤¸ मैनेजमेंट और मारà¥à¤•à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤‚ग में पूरी की और और 2009 में बी.à¤à¤¸à¤¸à¥€-गणित और à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• हैं। आप 12वीं ककà¥à¤·à¤¾ से लिखना शà¥à¤°à¥‚ किया। इनकी कविताà¤à¤ और लेख राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं और समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होते हैं, वरà¥à¤· 2012 में अपने गांव में à¤à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° पर à¤à¤• पà¥à¤²à¥‡ का लेखन और निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ किया जिसमें गांव के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं ने बॠचॠकर हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया और ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ और सेकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ के गांव के विकास हेतॠआये फणà¥à¤¡ की बंदर बांट का और गांवों में विकास की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को बहà¥à¤¤ ही बारीकी से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जिसमें हजारों लोगों ने हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ हà¥à¤ और कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बहà¥à¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ में रहा।
इनका मानना है कि अपने आप को, अपने विचारों और दरà¥à¤¶à¤¨ को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करने का सबसे अचà¥à¤›à¤¾ तरीका है लेखन। वरà¥à¤· 2008 से ही देश के लगà¤à¤— 25 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ (उतà¥à¤¤à¤°, दकà¥à¤·à¤¿à¤£, पशà¥à¤šà¤¿à¤® और उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µ) के गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ का दौरा कर रहे हैं और कई सरकारी, और सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤¸ पर काम किया है, गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ और पिछड़े कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में किसानों, विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के विकास और पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के लिठकाम कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ कर रहें हैं। करà¥à¤®à¤£à¥à¤¯- सफलता और समृदà¥à¤§à¤¿ के मूलमंतà¥à¤° पहली à¤à¤•à¤² किताब है जिसमे लेखक ने अपने डायवरà¥à¤¸à¤¿à¤«à¤¾à¤‡à¤¡ और डेमोंसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ का समागम कर बहà¥à¤¤ ही बारीकी से समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ है।
इस से पहले हमरूह पबà¥à¤²à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ के 4 अंथोलॉजी lonely Soul, रंग, हर हर महादेव और लाल में सह लेखक रह चà¥à¤•à¥‡ हैं। करà¥à¤®à¤£à¥à¤¯ निशà¥à¤šà¤¯ ही हर वरà¥à¤— के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करेगी व धरà¥à¤®, करà¥à¤®, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾, शिकà¥à¤·à¤¾ और संसà¥à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अलग नजरिया विकसित करेगी।