
Author | Prashasti Sachdev |
(edit with the Customer Reassurance module)
(edit with the Customer Reassurance module)
(edit with the Customer Reassurance module)
इस किताब 'सचदेव और साहब' में आपको उनके ज़िंदगी के फसाने पढ़ने को मिलेंगे। जो खट्टी मीठी यादों, प्यार, विरह और सचदेव की नौटंकी से ओत प्रोत होंगे।
इस में आपको तरह तरह के किस्से कविता के रूप में पढ़ने को मिलेंगे जैसे साहब जब ऑफिस चले जाते है तो सचदेव घर में धमाल चौकड़ी मचाती है तब के किस्से हैं, कभी दोनों घूमने जाते हैं, कभी दोनों दूर होते हैं तब के किस्से।
अगर परिचय में ही सब बता दिया तो आगे क्या पढ़ोगे आप, तो चलिए चलते हैं सचदेव और साहब के जहां में।
Data sheet
You might also like